Wednesday, 25 December 2013

नए साल में दुआ

सबके चेहरों पे नूर ठहरा हो ।
और रानाईयों का पहरा हो ॥

डूब कर आप जिसमें रह जाएँ ।
प्यार हर दिल में इतना गहरा हो ॥

ताब जिसकी हो चाँद के जैसी ।
सबकी क़िस्मत में एसी ज़हरा हो ॥

पूरी धरती गुलों से महकी हो ।
दूर तक भी न कोई सहरा हो ॥

मुस्कुराहट गुलाब जैसी हो ।
एसा पुरनूर सबका  चेहरा हो ॥

मुल्क में हर तरफ़ तरक्की हो ।
वक़्त कल का बड़ा सुनहरा हो ॥

है नए साल में  दुआ 'सैनी '।
अँधा ,गूँगा न कोई बहरा हो ॥

ज़हरा -------ख़ूबसूरत  औरत


डा० सुरेन्द्र सैनी  

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