सबके चेहरों पे नूर ठहरा हो ।
और रानाईयों का पहरा हो ॥
डूब कर आप जिसमें रह जाएँ ।
प्यार हर दिल में इतना गहरा हो ॥
ताब जिसकी हो चाँद के जैसी ।
सबकी क़िस्मत में एसी ज़हरा हो ॥
पूरी धरती गुलों से महकी हो ।
दूर तक भी न कोई सहरा हो ॥
मुस्कुराहट गुलाब जैसी हो ।
एसा पुरनूर सबका चेहरा हो ॥
मुल्क में हर तरफ़ तरक्की हो ।
वक़्त कल का बड़ा सुनहरा हो ॥
है नए साल में दुआ 'सैनी '।
अँधा ,गूँगा न कोई बहरा हो ॥
ज़हरा -------ख़ूबसूरत औरत
डा० सुरेन्द्र सैनी
और रानाईयों का पहरा हो ॥
डूब कर आप जिसमें रह जाएँ ।
प्यार हर दिल में इतना गहरा हो ॥
ताब जिसकी हो चाँद के जैसी ।
सबकी क़िस्मत में एसी ज़हरा हो ॥
पूरी धरती गुलों से महकी हो ।
दूर तक भी न कोई सहरा हो ॥
मुस्कुराहट गुलाब जैसी हो ।
एसा पुरनूर सबका चेहरा हो ॥
मुल्क में हर तरफ़ तरक्की हो ।
वक़्त कल का बड़ा सुनहरा हो ॥
है नए साल में दुआ 'सैनी '।
अँधा ,गूँगा न कोई बहरा हो ॥
ज़हरा -------ख़ूबसूरत औरत
डा० सुरेन्द्र सैनी
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