किसी की आह सुनकर जिसकी बेचैनी बढ़ी होगी ।
वो सीरत भी भली होगी वो सूरत भी भली होगी ॥
इनायत से भरी नज़रें हैं उसकी अब मेरी जानिब ।
सदाक़त प्यार की उसने भी मेरे मान ली होगी ॥
चुरा कर ले गया दौलत जो मेरे चैन की कोई ।
नहीं थी काम की मेरे वो उसके काम की होगी ॥
तेरी चाहत के सदक़े आज मैं सब कुछ लुटा बैठा ।
जो तू देकर गया आँखों में अब तो वो नमी होगी ॥
हसद में बौखलाहट बढ़ गई है आज लोगों की ।
किसी का कुछ सँवरने पर किसी को क्या ख़ुशी होगी ॥
मुसलसल ग़म दिए हैं ज़िंदगी ने अब तलक मुझको ।
भला मुझसे बुरी अब क्या किसी की ज़िंदगी होगी ॥
तमन्नाएं मचलती हैं बहुत सी ज़िहन में 'सैनी' ।
ख़बर क्या थी तमन्नाओं की मंज़िल मैकशी होगी ॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
वो सीरत भी भली होगी वो सूरत भी भली होगी ॥
इनायत से भरी नज़रें हैं उसकी अब मेरी जानिब ।
सदाक़त प्यार की उसने भी मेरे मान ली होगी ॥
चुरा कर ले गया दौलत जो मेरे चैन की कोई ।
नहीं थी काम की मेरे वो उसके काम की होगी ॥
तेरी चाहत के सदक़े आज मैं सब कुछ लुटा बैठा ।
जो तू देकर गया आँखों में अब तो वो नमी होगी ॥
हसद में बौखलाहट बढ़ गई है आज लोगों की ।
किसी का कुछ सँवरने पर किसी को क्या ख़ुशी होगी ॥
मुसलसल ग़म दिए हैं ज़िंदगी ने अब तलक मुझको ।
भला मुझसे बुरी अब क्या किसी की ज़िंदगी होगी ॥
तमन्नाएं मचलती हैं बहुत सी ज़िहन में 'सैनी' ।
ख़बर क्या थी तमन्नाओं की मंज़िल मैकशी होगी ॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
No comments:
Post a Comment