Wednesday, 11 September 2013

उजाड़ बैठा है

कौन बस्ती उजाड़ बैठा है ।
सबसे रिश्ते बिगाड़ बैठा है ॥

एक दिन में फ़लक पे जा पहुँचा ।
एसा उसका जुगाड़ बैठा है ॥

प्यार में झिडकियां तो जायज़ हैं ।
पर मुझे वो लताड़ बैठा है ॥

अब सुलह क्या करेगा वो मुझसे ।
पिछली बातें उखाड़ बैठा है ॥

सामने अब तलक न आया है ।
बंद करके किवाड़ बैठा  है ॥

आज शागिर्द बैत बाज़ी में ।
शायरों को पछाड़ बैठा है ॥

आफ़तों के हर एक रस्ते में ।
बन के 'सैनी' पहाड़ बैठा है ॥

डा० सुरेन्द्र सैनी  

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